Unlock solutions to your love life challenges, from choosing the right partner to navigating deception and loneliness, with the book "Lust Love & Liberation ". Click here to get your copy!
Unlock solutions to your love life challenges, from choosing the right partner to navigating deception and loneliness, with the book "Lust Love & Liberation ". Click here to get your copy!

Apoorva Singh

Inspirational

2  

Apoorva Singh

Inspirational

आशा की किरण

आशा की किरण

1 min
334


मैंने किए इतने प्रयत्न,

सफल क्यों नहीं होता,

इस अंधेरी रात के बाद,

सवेरा क्यों नहीं होता।

 

रंगीली दुनिया का हर रंग,

मेरा क्यों नहीं होता,

शिद्दत से की है कोशिश,

ये मुकाम हासिल क्यों नहीं होता।

 

दीया जलाने के बाद भी,

उजाला क्यों नहीं होता,

महफ़िल सजाने के बाद भी,

रोशन शमा क्यों नहीं होता।

 

दिन चढ़ जाने के बाद भी,

प्रभा जहाँ में क्यों नहीं होता,

शाम ढल जाने पर ये चांद

पूरा क्यों नहीं होता।

 

इस अंधेरी गुफा से निकलने का,

रास्ता क्यों नहीं होता,

काँटों पे चलने के बाद भी,

ये पथ सीधा क्यों नहीं होता।

 

सुकर्म करने के बाद भी,

ये मुकद्दर मेरा क्यों नहीं होता,

अंधेरा हो जाने के बाद,

साथ साया क्यों नहीं होता।

 

धूप में पेड़ की आड़ में भी,

छाया क्यों नहीं होता,

अब थक चुका हूँ चलते-चलते,

ये लक्ष्य मेरा क्यों नहीं होता।

 

अब पस्त हो चुका हूँ लड़ते लड़ते,

शत्रु शिकस्त क्यों नहीं होता,

शत्रु शिकस्त क्यों नहीं होता।

 

पर क्या मैं मान जाऊँ हार?

करूँ ये जीवन बेकार?

क्या बन के रहूँ लाचार?

नहीं!


मैं कोशिश करता जाऊँगा,

इस जग में उभर के आऊँगा,

सीख लूँगा नन्ही चींटी से,

कुछ बड़ा करके दिखाऊँगा।


कुछ बड़ा बन के दिखाऊँगा,

मैदान फतह कर जाऊँगा,

याद करेगी दुनिया मुझको,

ऐसी शख्सियत बनाऊँगा।



Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Inspirational