आपकी याद में
आपकी याद में
उनके इंतज़ार में पलकें बिछाए बैठे हैं
पिछले मिलन की यादों को दिल में
छुपाए बैठे हैं
वो हैं हमसे दूर तो हुआ क्या
तस्वीर उनकी आँखों में सजाए बैठे हैं।
हमें देख के उनका खिलना याद है
खिलते ही मुस्कुराना याद है
यूं तो है मौसम पतझड़ का
पर हम हर बगिया में फूल खिलाए
बैठे हैं।
ताउम्र हो मेरा इंतज़ार, मुमकिन है
चाहने वाले हो आपके हज़ार, मुमकिन है
यूं तो हैं आशिक हमारे भी बेहिसाब
पर क्या करें, आपसे ही दिल लगाए
बैठे हैं।
हो जाएं हम नज़रअंदाज़, मुमकिन है
जाए डूब मेरे इश्क का जहाज़,मुमकिन है
यूं तो नहीं है पल आपके पास दीदार के भी
पर हम हैं कि बरसों से आस लगाए
बैठे हैं।
वो नजर से नजर मिलाना याद है
वो आँखों से मुस्काना याद है
यूं तो नहीं पलटते हैं हम हर किसी पे
पर आप पर सब कुछ लुटाए बैठे हैं।
तरसे ये बाहें, मुमकिन है
तरसती हैं राहें, मुमकिन है
यूं तो नहीं है आपको इल्म
इस जिस्म का
पर हम हैं, होठों पर प्यास
बनाए बैठे हैं।
हमें गले से लगाना याद है
हाथ पे हाथ फिराना याद है
यूं तो नहीं छुआ कोई कभी भी हमें
पर आप ही से दिल चुमाए बैठे हैं