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नज़दीकियाँ💕

नज़दीकियाँ💕

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मुझे, तो ख़बर भी ना थी,

की कभी बात भी होगी हमारी...

अब बात यह हो गयी है,

की एक दिन भी बात ना हों,

तो दिन गुज़रता नहीं..

हाँ, कुछ अधूरा-अधूरा रह जाता है..

बात जो ना हो तुमसे,

तो मेरा जग सुना-सुना रह जाता है..

मै तो एकदम ही बेख़बर थी,

सच मानो,

मै तो एकदम ही बेख़बर थी

तुम्हारे अन्दाज़-ए-ज़िंदगी से..

पर जबसे तुम्हारी असल शख्सियत से मुलाक़ात हुई है,

मेरी मुझसे भी कुछ ज़रूरी सी मुलाक़ात हुई है..

अब पुरी शायद दिल की हर मुराद हुई है..

दिल ख़ुश है उस मंज़र से ही,

जबसे तुमसे मुलाक़ात हुई है..

हम दीवाने हो गये है उस लम्हे से ही,

जबसे तुमसे बात हुई है..


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