मेरे यार
मेरे यार

1 min

189
लड़ लो चाहें,
चाहें झगड़ लो,
प्यार भी बेशुमार
इन्हीं पर आता है,
मेरे दोस्त ही हैं,
जो मन को
बेद भाते हैं।
झल्ले से, पागल से,
लड़ने-लड़ाने में,
फिर दुश्मनो से
जीत जाने में
रहते सबसे आगे हैं,
ख़ूब हँसाते हैं,
और जब रोता हुआ देखें
जो कभी किसी भी
अपने यार को,
तो रोते हुए
शक़्स पीट जाते हैं
यारों की यारी में
बड़ा दम है,
साथ हैं तो हज़ारों
क़िस्से, दूर हैं,
तो बात बिल्कुल
ही कम है।
दोस्त तो ज़िंदगी हैं,
दोस्ती में दुनिया,
दुनिया में जीना है,
और जीने में ग़म नहीं,
क्यूँकि, मेरे दोस्त
किसी से कम नहीं।