मस्त निगाहें
मस्त निगाहें
किसी की मस्त निगाहेका खुमार है हमें
पर लोग समझ रहे हैं बुख़ार है हमें
अब उसका नाम न पुुछो ऐ दोस्तों हम से
बस इतना तो कह दिया है किसी से प्यार हमे
हां हां इकरार है हमेे इकरार है हमें
हां माना के ये दौर बे वफ़़ाई का है
पर ऐ दोस्त ख़ुुद पे ऐतबार है हमे
पर वो भी नही बे वफ़ा इतना है ऐतबार हमें।