वबा
वबा
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ना जाने ये कैसी वेब आई है
अपनों को अपनों से दूर कर रही है
असलियत भी अपनों की इसी ने दिखाई है
दुनीय के बदलते रंग भी इस वबा ने दिखाई है
सियासत दानों की सियासी चाल भी सामने ले आई है
यह कैसी वबा आई है क्या कोई कहर ए खुदा आई है
गैब की खबर कहा कब किस ने आज तक पाई है
सब अब तो वो वक्त ये वबा साथ लाई है
अपनों को पराया बना कर इसी ने दिखाई है
हम ने भी कहा कुछ कम परेशानी उठाई है
बस ऐ खुदा अब तो यही बात मन में समाई है
के पूरी कायनात में तेरी ही खुदाई है।