बीत गयी वो बात
बीत गयी वो बात
बीत गयी वो बात कभी,
जो तेरे मेरे बीच हुई,
कुछ याद रही कुछ भूल गए,
पर बात ना अब बस याद रही
बढ़ तुम भी गए,
बढ़ मैं भी गयी,
जीवन की सुनहली राहों पर,
कुछ खुशियाँ मिली कुछ ग़म भी मिले,
बढ़ता ही गया जीवन का सफ़र,
पर वो बातें जो संग तेरे,
उन गलियों में कई बार हुई,
कुछ याद रही कुछ भूल गए,
पर बात ना अब बस याद रही
ना तुम ही मुड़े,ना मैं ही मुड़ी,
रस्ता दोनों का बदल गया,
किसी मोड़ पे फिर से मिल पाते,
पर ऐसा मोड़ ना कभी मिला,
कभी प्यार की बातों में भीगे,
कभी कई मीठी तक़रार हुई,
कुछ याद रही कुछ भूल गए,
पर बात ना अब बस याद रही
कुछ याद तुम्हें,कुछ याद मुझे,
बीते सफ़र की वो बातें,
आज भी सोने ना देती हैं,
वो बीते दिन बीती रातें,
वो बातें ही अब रातों में,
मन मंदिर का श्रृंगार हुई,
कुछ याद रही कुछ भूल गए,
पर बात ना अब बस याद रही।