मुझे महबूब चाहिए
मुझे महबूब चाहिए
कुछ कुछ तो पाया हैमैंने
अब जिंदगी से कुछ खूब चाहिए
अभी तक सिर्फ किस्से सुने हैं अब
मुझे भी प्यार करनेवाला महबूब चाहिए
कोई ऐसा जो जमाने से लड़ जाए
सिर्फ मुझे पाने के खातिर
मुझसे बेहतर कोई भी ना लगे
जिंदगी साथ बिताने के खातिर
प्यार में कुछ ताकत हो ऐसी कि
वो जब प्यार करें मैं रुक जाऊं
भले वो मेरे सामने झुकता हो पर
वो सजदा करे तो मैं झुक जाऊं
वो महबूब मेरा कुछ ऐसा हो
प्यार करने में अपनों के जैसा हो
उसके साथ मैं हर कदम चलूंगी
फिर क्यूँ ना वो चाहे जैसा हो
जिसने साथ जिंदगी के गम भी
खुशियों का एक त्यौहार बने
वो अगर मेरी कल्पनाओं सा हुआ
तब जाकर महबूब वाली बात बने!

