Unlock solutions to your love life challenges, from choosing the right partner to navigating deception and loneliness, with the book "Lust Love & Liberation ". Click here to get your copy!
Unlock solutions to your love life challenges, from choosing the right partner to navigating deception and loneliness, with the book "Lust Love & Liberation ". Click here to get your copy!

सीमा शर्मा पाठक सृजिता

Romance

3  

सीमा शर्मा पाठक सृजिता

Romance

नजरबंद

नजरबंद

1 min
246


तस्वीर को क्या देखते हो 

दिल क्यों नहीं टटोलते हो 

हूं वही महसूस कर लो 

आंखें अपनी बंद कर लो 


रोम रोम में खुशबु मिलेगी 

चेहरे पर मुस्कान खिलेगी 

तुमसे कभी मैं नहीं जुदा 

जानती मैं और मेरा खुदा 


धड़कती हूं धड़कन बनकर 

अहसास -ए-दिल महसूस तो कर 

हर लम्हा याद आ जायेगा 

गुजरे जमाने में तुम्हें ले जायेगा 


मेरी बिखरी हुई जुल्फें 

चमकती आँखों का काजल 

मेरी मीठी सी मुस्कराहट 

जो करती थी तुम्हें घायल 


तुम्हारा हाथ थामकर 

तुमसे घंटों बतियाना 

ओढ़कर प्रीत को सिर पर 

प्रेम के गीत गुनगुनाना 


तुम्हारा इक नजर में ही

 मुझे दीवाना बनाना 

मुहब्बत से जुड़ा हुआ 

वो हर अफसाना 


तस्वीर छोड़ो तुम

बस आंखें बंद कर लो 

उम्र भर के लिए मुझे 

फिर नजरबंद कर लो



Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Romance