नजरबंद
नजरबंद
तस्वीर को क्या देखते हो
दिल क्यों नहीं टटोलते हो
हूं वही महसूस कर लो
आंखें अपनी बंद कर लो
रोम रोम में खुशबु मिलेगी
चेहरे पर मुस्कान खिलेगी
तुमसे कभी मैं नहीं जुदा
जानती मैं और मेरा खुदा
धड़कती हूं धड़कन बनकर
अहसास -ए-दिल महसूस तो कर
हर लम्हा याद आ जायेगा
गुजरे जमाने में तुम्हें ले जायेगा
मेरी बिखरी हुई जुल्फें
चमकती आँखों का काजल
मेरी मीठी सी मुस्कराहट
जो करती थी तुम्हें घायल
तुम्हारा हाथ थामकर
तुमसे घंटों बतियाना
ओढ़कर प्रीत को सिर पर
प्रेम के गीत गुनगुनाना
तुम्हारा इक नजर में ही
मुझे दीवाना बनाना
मुहब्बत से जुड़ा हुआ
वो हर अफसाना
तस्वीर छोड़ो तुम
बस आंखें बंद कर लो
उम्र भर के लिए मुझे
फिर नजरबंद कर लो।