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Anuradha अवनि✍️✨

Fantasy Inspirational

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Anuradha अवनि✍️✨

Fantasy Inspirational

सिंह सी दहाड़ हो।

सिंह सी दहाड़ हो।

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सिंह सी दहाड़ हो, भले भुजंग कण्ठहार हो।

म्यान में तलवार सी, जिह्वा सद्कटार हो।।

गात रज्- रज् सने, मोह की न बाट में,

त्याग और बलिदान से, तेज धजे ललाट में,

तपती हो गीली हो या धूप-छांव सीली हो,

तिलक माथ जब चढ़े, रज् से ही श्रृंगार हो।।

सिंह सी दहाड़ हो, भले भुजंग कण्ठहार हो।

म्यान में तलवार सी, जिह्वा सद्कटार हो।।

अनीति को त्यागकर, नि:छलता से करें सामना,

घात लगाए दुश्मनों को धूल चटाना काम हो,

राह में गर डर सताए, कदमों से कहो ज़ोर दे,

बांध मुठ्ठी भींच लो बस हौसले का शोर हो,

कतरा-कतरा रक्त में, तब राष्ट्र का संचार हो।।

सिंह सी दहाड़ हो, भले भुजंग कण्ठहार हो।

म्यान में तलवार सी, जिह्वा सद्कटार हो।।

तूफ़ान अगर आए तो, थाती देशप्रेम की,

कीच में खिला रहे, अजेयतम मुकुंद सी।

ज़िद करें जीतने की, संकट में चाहे प्राण हों।

अंक मां भारती की, जब प्राण रणछोड़ हों।।

सिंह सी दहाड़ हो,‌ भले भुजंग कण्ठहार हो

म्यान में तलवार सी, जिह्वा सद्कटार हो।।



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