STORYMIRROR

Anuradha अवनि✍️✨

Abstract Fantasy Inspirational

3  

Anuradha अवनि✍️✨

Abstract Fantasy Inspirational

हाइकु विधा

हाइकु विधा

1 min
185


हे! गणपति

करते सदा तुम

पूरण काज।


गिले-शिकवे

मिट जायेंगे सब

अनुराग से।।


खफ़गी तज

संतोष कमाकर

जीवन जीना।।


जननी तुम

पूजनीय रहोगी

अनंतकाल।।


रात्रि सितारा

सहर दिवाकर

मन भाता है।।

      

हाइकु जापान में पली बढ़ी एक अनोखी काव्य विधा है जो तीन पंक्तियों में लिखी जाती है। यह विधा अब विश्व की हर भाषा में प्रचलित हो गयी है। हाइकु में कुल 17 अक्षर की बाध्यता रखी गयी है, जिस में पहली पंक्ति में 5 दूसरी में 7 और तीसरी में फिर 5 अक्षर का विधान रखा गया है।

ध्यान रहे हिंदी भाषा के तहत हाइकु में मात्राओं की नहीं बल्कि वर्णों/अक्षरों की गिनती की जाती है और आधे अक्षर को नहीं गिना जाता। 


एक हाइकु देखें

जब भी मिले - 5 अक्षर

कहना कुछ चाहा - 7 अक्षर

कहा और ही - 5 अक्ष



Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Abstract