बदलाव
बदलाव
बदल गया गांव शहर में
धरती मां का सौदा कर दिया
और चले गए सब शहर की ओर तरक्की करने।
छोड़ आएं वो अंगना
जिस अंगना में बचपन खुशियों भरा खेला।
घर से जुड़ी यादों का बक्सा लेकर
गांव से शहर की ओर बढ़ने लगे।
दादा दादी को गांव में छोड़
अपने भविष्य को साकार करने चले
बूढ़े मां बाप की आंखों में आसूं की बरसात देकर चले।
बदल गए है लोग यहां
स्वार्थ का मुखौटा पहनकर घूम रहे हैं यहां
लालच को खुद पर हावी होकर
अपनों से ही बेईमानी कर बैठे हैं यहां।
पढ़ा लिखा इंसान यहां बुजुर्गो से जबान लगता है
भूलकर अपने संस्कारों को
पढ़ाई का घमंड दिखाता है।