वतन
वतन
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फूलों से लहराती धरती से,
मिट्टी की खुशबू है आई।
मन महका ए सूरज की किरणे छाई,
चंद्रने ठंडी शीतलता प्रसाराई।
प्यार से गाए तोता - मैना ,
ऐसी कोयलने मधुर कुंज सुनाई।
मेरी वतन की याद आज आई।
वहा सुनाई दादी हररोज परियों की कहानी,
वो अंगना में खेल रहे थे होली।