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Rashi Saxena

Abstract

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Rashi Saxena

Abstract

पीढ़ी की सीढ़ी

पीढ़ी की सीढ़ी

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पीढ़ियों की ये सीढ़ी है

परदादा बाबा ने जोड़ी है

कुरीतियाँ थी कुछ व्याप्त 

उनकी रीति मोड़ी है


अभिमान अकड़ आरम्भ

कभी अति कभी थोड़ी है 

परिवार परंपरा प्रशासन 

कड़ियाँ दिल की जोड़ी हैं 


बदलाव कभी सहज सहर्ष

संघर्ष संदेह विवादास्पद 

कुलीन व्यवहार व्यवस्था

पूजा प्रथा परस्पर प्रेम 


व्यंजन भोजन भजन 

सुरक्षा की एक डोर

नवल पीढ़ी को घेरी है 

पीढ़ियों की ये सीढ़ी है

परदादा बाबा ने जोड़ी है।


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