ममता की मूरत प्यार का सागर मां
ममता की मूरत प्यार का सागर मां
एक अक्षर का सरल नाम मां
जिसमें छिपे अनगढ रहस्य हैं।
प्यार की गंंगा सेवा,समर्पण।
ईश्वर ने तुम्हें खास है बनाया।
मां,जननी हो, ईश्वर तुल्य हो।
शिक्षिका ,प्रथम गुरु हो तुम।
गर पडूं बीमार डाक्टर नर्स हो।
गृह लक्ष्मी अन्नपूर्णा हो तुम।
हर परेशानी अपने सर ले लेतीं।
अपने बच्चों की सुरक्षा में मां।
साक्षात् दुर्गा रणचंडी बनजातीं।
पूरे परिवार की धुरी हो तुम।
ममता की मूरत प्यार का सागर हो
सौम्य शालीनता मिले विरासत में,
हरपल यादों मे बसे हैं हमारे।
घर, बागीचे में तुलसी के क्यारे में
संध्या दीप लगातीं.मुस्कातीं मां।
एक अक्षर का सरल नाम मां
जिसमें छिपे अनगढ रहस्य हैं।