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Rashi Saxena

Inspirational

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Rashi Saxena

Inspirational

बेमिसाल माँ का प्यार

बेमिसाल माँ का प्यार

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सिर्फ जन्म देने से

माँ, माँ नहीं कहलाती

देती है अनगिनत कुर्बानियां

जिनकी कभी गिनती नहीं हो पाती

तिनका तिनका बचाकर चलाती है अपना घर 


निस्वार्थ करती है सबकी सेवा और कद्र

घर की बागडोर संभालकर

पापा को कर देती है बेफिक्र

कभी बच्चों की अध्यापक, कभी दोस्त, कभी बहन बनकर

न जाने कितने किरदार निभाती है

ना सिर्फ उन्हें ज़िन्दगी जीने की कला सिखाती है 


बल्कि अच्छे बुरे की पहचान करना भी सिखाती है

खैरियत चाहती है हमेशा अपने परिवार की

हमेशा बच्चों की तरक्की के लिए दुआएं हज़ार

बिना कहे जान लेती है उनके मन की बात

परीक्षाओं में रात-रात भर उनके साथ जागती है


माँ से सास, दादी, नानी का सफर

बड़े अच्छे से तय करती है

हर पीढ़ी से कद्र करवाती है और करती है

दुनिया में रिश्ते तो हैं बेशुमार 

पर बेमिसाल है माँ, बेमिसाल होता है माँ का प्यार

बेमिसाल होता है माँ का प्यार।


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