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Shruti Gupta

Abstract

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Shruti Gupta

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भगवान का एहसास

भगवान का एहसास

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भगवान होते है या नहीं ये भुलकर

एक बार भगवान का एहसास करने की कोशिश कर


उस मूरत के सामने बैठ उससे बात कर

वो भी तुझसे कुछ कहेगी इशारे कर


सारी जिंदगी ढूँढ़ते रहते है हम उसको

शायद भगवान कहते है चारो तरफ की सृष्टि को


बच्चा मां के अंदर बस उसे महसूस कर सकता है

सृष्टि रूपी भगवान के अंदर हमे भी सिर्फ उसका एहसास सा होता है


जैसे एक बच्चा मिलता है मां से जन्म लेने के बाद

हम भी देख पाएंगे अपने भगवान को जीवन उपरान्त।


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