STORYMIRROR

Shruti Gupta

Inspirational

4  

Shruti Gupta

Inspirational

इंतज़ार

इंतज़ार

1 min
207

कभी कभी मंज़िल इंतज़ार कराती है

हमसे मिलने मे थोड़ा ज्यादा वक्त लगाती है


इस इंतज़ार के क्षण मे खुद से भरोसा खोता है

सपना अधूरा रहने का डर सा होता है


कभी आखें रोती है, कभी हिम्मत टूट जाती है

पर फिर खुद को खड़ा करने की बारी आती है


इंतज़ार के क्षण मे थोड़ा ज्यादा लड़

ईश्वर तेरे साथ है इस बात पर भरोसा कर


कभी कभी वक्त सही नही होता है

क्योंकि अपने राही का इंतज़ार तो मंज़िल को भी होता है।


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Inspirational