पानी और नाव
पानी और नाव
पानी और नाव का रिश्ता
बिना बंधे बिना शर्त
बहनें देता है खुद पर
अविरल धारा में
नहीं रोकती नाव खुद
बहने देती है हवा की दिशा में
दूर दूर तक छोटे छोटे
सराय जिसमें कुछ लोग
सफ़र करते है
पानी कभी नहीं रोकता
लहरें करती हैं
अठखेलियां
हंसती है करती है
इंसानों की बातें
नाव बताती है
किस्से
नाविक के,
यात्रियों के
अपनेपन के
परायेपन के
साथ साथ चलने के
भंवर में फंसने के
शाम ढलने के सूरज
उगने के छोड़ आती है
नाव मेहमानों को
उनके ठिकाने पर
नहीं जताती अहसान
और पानी भी शांत
चित्त से देता है नाव
का साथ बेशर्त हर
एक सफ़र में.........