आज़ादी की कीमत
आज़ादी की कीमत
स्वतंत्र हुए हमें कई वर्ष हो गए
पर स्वतंत्रता का पर्याय
समझने के लिए बलिदान
को समझना होगा
उन वीरों और वीरांगनाओं के
साहस रूपी व्यक्तित्व को
खंगालना होगा
आज़ादी केवल शब्द नहीं
ये एक अंतर्नाद है
देश की खातिर
शहीदों के खून से
रची इस स्वतंत्रता
की कीमत स्वच्छंदता केवल
नहीं हो सकती
फर्क महसूस करना होगा
आज़ादी जो मिली है ,
खुली हवा में सांस लेने की,
अपनी पहचान बरकरार रखने की
वो 15 अगस्त केवल
एक तारीख़ नहीं
आधी रात का
खुला स्वप्न नहीं
जीता जागता स्मरण है
सुबह, शाम और
हर एक पहर का
जो हो गए अमर दुनिया को
दिखा गए देश का जज़्बा
आज़ादी यूं ही नहीं मिल जाती
देना पड़ता है जीवन के हर पल का
संपूर्ण समर्पण....।