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Pratibha Bhatt

Abstract

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Pratibha Bhatt

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क्या लिखूं अपनी

कलम की स्याही में

भरकर कोई कल्पना रचूं

या कोई गीत की रचना करूं

या सामाजिक वेदना लिखूं


किसी का दर्द उतारूं पन्नों पर

या कोई संवेदना लिखूं

हंसी का खुशी का कोई 

पल हथेलियों में भरकर

तूलिका से रंगो को

सजाकर कोई कैनवास पर

चित्रांकित करूं


मन की कोई पाती

किसी कोने में बैठकर

अपने दिल का या फिर

हाल लिखूं

ऐसा क्या लिखूं जो

मन में छाप छोड़ जाए

दिलों को राहत दे जाए

मन में हौसले की छाएं


बनकर दिलों को

ठंडक दे जाए

ऐसा बन जाए 

कोई संदेश.....


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