हे अन्नतरूपा जगदम्बिका, मेरी तूलिका में रंंग भर दीजिए। हे अन्नतरूपा जगदम्बिका, मेरी तूलिका में रंंग भर दीजिए।
विविध चित्रकारों के इन तूलिकाओं से, होती है अभिरंजित कैनवास पर जीवन उमंग ! विविध चित्रकारों के इन तूलिकाओं से, होती है अभिरंजित कैनवास पर जीवन उमंग !
दे तूलिका ऐसी मुझे जो दर्द सबका हर सके। दे तूलिका ऐसी मुझे जो दर्द सबका हर सके।
उसी एक अमूल्य से क्षण में भारत भूमि दमकी थी। उसी एक अमूल्य से क्षण में भारत भूमि दमकी थी।