सब कुछ लिखकर भी सब कह नहीं पाता हूँ मैं खुद से खुद की दूरी यह सह नहीं पाता हूँ सब कुछ लिखकर भी सब कह नहीं पाता हूँ मैं खुद से खुद की दूरी यह सह नहीं पाता हू...
पत्थरों से निकल झरना बन विस्तार पाऊँ गुनगुनाती सरिता बन गहरे समुद्र से मिल लूं। पत्थरों से निकल झरना बन विस्तार पाऊँ गुनगुनाती सरिता बन गहरे समुद्र से मिल लू...
प्रभु की कृति को हमारा नमन कृति की कृति से हम हैं उऋण। प्रभु की कृति को हमारा नमन कृति की कृति से हम हैं उऋण।
चित्रों को तुम बनाते हो मगर, उन चित्रों को तुम पहचानते नहीं ! उन्हें रंगों से तुम भरते हो मगर, उन... चित्रों को तुम बनाते हो मगर, उन चित्रों को तुम पहचानते नहीं ! उन्हें रंगों से ...
ये तो बस झरोखा हैं, बस अब हृदय समर्पण सा है ... ये तो बस झरोखा हैं, बस अब हृदय समर्पण सा है ...
नन्ही सी इस मुट्ठी में बस सारा आसमान आ जाए। नन्ही सी इस मुट्ठी में बस सारा आसमान आ जाए।