Unlock solutions to your love life challenges, from choosing the right partner to navigating deception and loneliness, with the book "Lust Love & Liberation ". Click here to get your copy!
Unlock solutions to your love life challenges, from choosing the right partner to navigating deception and loneliness, with the book "Lust Love & Liberation ". Click here to get your copy!

Richa Richa

Drama

3  

Richa Richa

Drama

बस इक प्रश्न

बस इक प्रश्न

1 min
193


ये चित्र कुछ परिचित हैं मुझसे,

या कह रही कोई जिंदगी की डोर मुझसे....

यूँ लगे की ये आसमान बुला रहा मुझे ,

या कुछ यूँ ये आसमान बन रहा हो मुझसे....

कुछ अधूरापन-सा हैं, या कुछ अपनापन - सा हैं ...

क्यूँ हृदय मेरा खुद खींच रहा मुझसे....


कभी लगे ये कलाकृतियाँ हैं कुछ ऊँचाइयों-सी,

कभी लगे बस दूरियाँ हैं कुछ सामाजिक कुरीतियों से....

यूँ लगा कि बस ले चलो आज अपने-आप से,

ले आया हूँ मैं भी अपने हाथ इन बुराइयों से....

कुछ खिंचाव-सा हैं, या कुछ आवारापन- सा हैं,

या फिर बस हृदय मेरा खुद खींच रहा मुझसे.....


जो कोशिश की इन्हें हाथ लगाने की,

इक शोर-सा बस ज्ञात हुआ,

इक शांत से समुंदर मे कुछ कशमश स्पंदन हैं,

कुछ अंजाना कुछ बेगाना समर्पण सा हैं,

ना देख सके जो शुरुआत के पड़ते हुये कदम,

ये तो बस झरोखा हैं, बस अब हृदय समर्पण सा है ...



Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Drama