पापा
पापा
1 min
2.1K
ख़ामोशी से देखता रह गया
वो "पिता" भी उस माँ को
जो बच्चों के साथ खुद भी खाली पेट सोयी है..
दिखे न दिखे आंसू उस के
पर आत्मा भी आज उसकी रोयी है...
ये किस परीक्षा में डाला प्रभु ने कि होती नहीं कमाई है..
खुश रहे परिवार उसका
कर रहा प्रभु से बस ये ही दुहाई हैं ..
सुनी जो प्रभु ने ये दुखद गाथा ,
पड़े सोच में, ये कैसी रचना मैंने बनायी हैं?
होगी हर कामना तेरी पूरी
आज से "पिता" के रूप में तू मेरी परछाई है....
