बादलों सा आसमान
बादलों सा आसमान
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सुनो
कुछ बादल भेजे थे तुमने
बहुत साफ सा दिखा वो ऐसे
जो बारिश की बूँदों के बाद
मौसम साफ सा हो गया जैसे
वो आंखों के नीचे के गहरे रंग भी
फिर खिल उठे ऐसे
सिमट कर समेट ली हो
बिखरी हुयी काजल जैसे
हो काली, नीली या सफेद सी गहरायी
फिर भी फर्क़ नहीं इन बादलों में ऐसे
हैं दोनों ही बिल्कुल खामोश
फिर भी जुड़े हैं दूर बांहें फैलाए जैसे
बस जीना सीख लिया मैंने अब ऐसे
थोड़े बादल, बदल के ही मिला हो
तुम में बहुत सारा आसमान जैसे।
