चोटिल भी हो हृदय पर, कर रहे हैं फिर भी वादे। हम क्या खुद ही खुद से, चोटिल भी हो हृदय पर, कर रहे हैं फिर भी वादे। हम क्या खुद ही खुद से,
नसीब की बातें मेरे चारों ओर चलती हैं आजकल नसीब की बातें मेरे चारों ओर चलती हैं आजकल
कारवाँ भी चलता रहा, ठिकाने भी बदलते रहे। कारवाँ भी चलता रहा, ठिकाने भी बदलते रहे।
खानाबदोश सी है अब तो ये जिंदगी दूर उस जहां में हमारे ठिकाने हो गए खानाबदोश सी है अब तो ये जिंदगी दूर उस जहां में हमारे ठिकाने हो गए
मिलेंगे दौर भी आगे । ठिकाने ठौर भी आगे । मिलेंगे दौर भी आगे । ठिकाने ठौर भी आगे ।