नया सूरज उगाना है
नया सूरज उगाना है
नया सूरज उगाना है ।
धरा का तम मिटाना है ।
हृदय में ज्ञान का दीपक,
हमेशा जगमगाना है ।(1)
मुसीबत की लगी ठोकर ।
सम्हाले जिन्दगी ठोकर ।
सुसुप्तों को जगाती है,
नहीं है दिल्लगी ठोकर ।(2)
सदा सच बोलना सीखो ।
मधुर रस घोलना सीखो ।
अचेतन और श्लथ मन के,
किवाड़ें खोलना सीखो ।(3)
मिलेंगे दौर भी आगे ।
ठिकाने ठौर भी आगे ।
समय इतिहास रचता है,
करेंगे गौर भी आगे ।(4)
निराशा के मलिन बादल ।
उमड़ते हैं कठिन बादल ।
घुटन - संत्रास - कुण्ठा के,
छँटेंगे एक दिन बादल ।(5)
भले हो पंथ शूलों का ।
करो अहसास फूलों का ।
निडर होकर बढ़ो पथ पर,
पकड़ दामन उसूलों का ।(6)
अगर दुख है तो निश्चित कल ।
सुखों के भी मिलेंगे पल ।
नदी की भाँति जीवन में,
रहो बहते सदा कल-कल। (7)
