ऐसा भी तो कोई वादा ना था। ऐसा भी तो कोई वादा ना था।
अब दरख़्त की छाया, शीतल करती है काया अब दरख़्त की छाया, शीतल करती है काया
बादल आये बरसे और गए मैं नदिया सी रुक नहीं पाती बादल आये बरसे और गए मैं नदिया सी रुक नहीं पाती
अमावस का वो चाँद हूँ अमावस का वो चाँद हूँ
चलो न, वक़्त रहते इस रिश्ते को सँवार लेते हैं! चलो न, वक़्त रहते इस रिश्ते को सँवार लेते हैं!