चलो न, वक़्त रहते इस रिश्ते को सँवार लेते हैं! चलो न, वक़्त रहते इस रिश्ते को सँवार लेते हैं!
पढ लिख कर आगे बढ़ना बहनों गगन में भर लो अब के उँची उड़ान पढ लिख कर आगे बढ़ना बहनों गगन में भर लो अब के उँची उड़ान
सब्र रख, कर्म में शर्म न रख, वक्त बदलते ही कर्म दिखता है। सब्र रख, कर्म में शर्म न रख, वक्त बदलते ही कर्म दिखता है।