नसीब से मिलतीं हैं आशीर्वाद और दुआ मुमकिन हो जाएगा सब, जो अब न हुआ। नसीब से मिलतीं हैं आशीर्वाद और दुआ मुमकिन हो जाएगा सब, जो अब न हुआ।
सब्र रख, कर्म में शर्म न रख, वक्त बदलते ही कर्म दिखता है। सब्र रख, कर्म में शर्म न रख, वक्त बदलते ही कर्म दिखता है।