ये ज़िन्दगी तो खुले आसमानों का नाम है ! ये ज़िन्दगी तो खुले आसमानों का नाम है !
कोई कहता है शराब शय है बुरी कोई कहता है उसने नहीं पी कभी कोई कहता है शराब शय है बुरी कोई कहता है उसने नहीं पी कभी
वो हैं तो हम हैं तुझे ये बात समझना चाहिए, वो हैं तो हम हैं तुझे ये बात समझना चाहिए,
सब्र रख, कर्म में शर्म न रख, वक्त बदलते ही कर्म दिखता है। सब्र रख, कर्म में शर्म न रख, वक्त बदलते ही कर्म दिखता है।
सदा संपन्न लोगों के ही मैं तो पास रहता था मुझे धनवान बनना है यही आभास रहता था सदा संपन्न लोगों के ही मैं तो पास रहता था मुझे धनवान बनना है यही आभास रहता था
दहलीज में रहो तुम नारी पे ये नियंत्रण, अब तक रुकी नहीं दहलीज में रहो तुम नारी पे ये नियंत्रण, अब तक रुकी नहीं