अपने भी जब छोड़ चले अपना गैरों को होते देखा हैI अपने भी जब छोड़ चले अपना गैरों को होते देखा हैI
बादल आये बरसे और गए मैं नदिया सी रुक नहीं पाती बादल आये बरसे और गए मैं नदिया सी रुक नहीं पाती
अभी तक भी हम, मुन्तज़िर यार उनके। कि मरते हुए भी ये ज़िन्दा दिली है। अभी तक भी हम, मुन्तज़िर यार उनके। कि मरते हुए भी ये ज़िन्दा दिली है।
वो गुलिस्तान था जो तेरी यादों से भरा... उन्हें ना दफना सकूँ तो ..अब ये कब्रिस्तान की गलियाँ कैसी...... वो गुलिस्तान था जो तेरी यादों से भरा... उन्हें ना दफना सकूँ तो ..अब ये कब्रिस्त...
वो लड़कपन का पहला प्यार और वो लड़कपन की पहली तकरार वो लड़कपन का पहला प्यार और वो लड़कपन की पहली तकरार
ज़िन्दगी की तलाश इस कदर गहरी हुई, बे निशान बे निशान सी ज़िन्दगी हुई। ज़िन्दगी की तलाश इस कदर गहरी हुई, बे निशान बे निशान सी ज़िन्दगी हुई।