वो बीती दास्तान
वो बीती दास्तान
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आज फिर इस दिल ने छेड़ी
एक पुरानी तान है
आज फिर इस दिल को आई याद
एक बीती दास्तान है।
आज फिर आँखों में उतर आई
एक पुरानी तस्वीर।
आज फिर याद आया है
वो लड़कपन का पहला प्यार
और वो लड़कपन की पहली तकरार
वो अचानक से कभी भी
बारिश का हो जाना
और हमारा यूँ आपस में
टकरा जाना।
वो अचानक से
नज़रों का आपस में मिलना
और मिलते ही झुक जाना।
वो अनायास ही मुस्कुराना
वो बेवजह शरमाना।
वो दोस्तों के साथ
आवारगी का आलम।
वो बीते वक़्त की
बेफिक्री का मौसम।
बहुत याद आता है
उस बीते वक़्त का
हर एक पल
आ जाती है खुद ही
चेहरे पे एक मुस्कान
जब याद आती है
वो बीती दास्तान ।
