गेंद
गेंद
गेंदबाज फेंकता है
बल्लेबाज मारता है
क्षेत्ररक्षक पकड़ता है
हर शख्स ही लड़ता है
दुनियाभर की मारी
मैं तो हूं,अबला नारी
मैं हूं,एक गेंद बेचारी
हर तरफ से ही हारी
पर कोई कितना उछले
मेरे बिना खेल नही चले
जो व्यक्ति मेरी कद्र करे
उसका सोया भाग्य जगे
बल्लेबाज हो या गेंदबाज
जो भी व्यक्ति है,अहंकारी
उनकी मिटाती हूं, मैं खुमारी
मैं गेंद तो हूं, कर्म प्रिय नारी।