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Anita Sharma

Drama

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Anita Sharma

Drama

अजनबी हूँ मैं

अजनबी हूँ मैं

1 min
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खुद से अजनबी हूँ मैं, ये सबने बताया है मुझे

अक्सर धोखे में रखकर बहुत सताया है मुझे,


ये शिकायत नहीं मेरी दिल से उठी आवाज़ है,

अपनों ने दिन में भी गहरी नींद सुलाया है मुझे,


मेरी मुस्कान से खुशियों का, सबब पूछते सब,

बिना वजह भी उन्होंने ही तो...रुलाया है मुझे,


मुझे नासमझ कहते कभी, हिचकिचाये नहीं जो,

ये कौन दंभी हैं जिन्होंने, चालाक बनाया है मुझे,


अब क्या फर्क पड़ता है, सब शातिर कहें भी तो,

कैसे अनजान बन कर यूं, खंजर चुभाया है मुझे,


चुप्पी का चुप भी तो, वक़्त आने पर शोर करेगा,

बेवजह के इल्ज़ामों से ही, कितना घुलाया है मुझे,


नफरत का जवाब कभी, नफरत से दिया नहीं मैंने,

इसी लहज़े ने हिम्मत दे कर, पत्थर बनाया है मुझे,


नज़रों से गिराने की, कोशिश तो की थी ज़माने ने,

ईश्वर का हाथ मेरे सर...सदा उसने उठाया है मुझे,  


अजनबी नहीं खुद से मैं ये सच तुम समझ लेना,

रिश्ते संजो के रखना बस दिल ने सिखाया है मुझे,


चमकते चेहरे पर झूठे मुखौटे सजा लो लाख तुम,

वक्त ने धीरे-धीरे सब...प्रत्यक्ष ही दिखाया मुझे


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