।।दशहरा।।
।।दशहरा।।
मिल कर के सब खुशी मनाओ।
आज दशहरा आया यारों।
लेकिन सबसे पहले मित्रों,
अपने अंदर के रावण को मारो।
नहीं मिटेगी कोई बुराई,
कागज का पुतला मात्र जलाने से ।
मरेगा रावण उस दिन यारों,
जब मिटेगी बुराई जमाने से।
करो बुराई आज इकट्ठी,
मिल कर सब इसको जारो।
मिल कर के सब खुशी मनाओ।
आज दशहरा आया यारों। ...1
क्या कम है वो बेटा रावण से,
जिसने मां बाप सताया है।
दो रोटी के खातिर जिसने,
घर से बाहर भगाया है।
मात पिता के साथ मनाओ,
आज दशहरा तुम यारों।
मिल कर के सब खुशी मनाओ।
आज दशहरा आया यारों। ...2
मासूम सी देखो इन गुड़ियों को,
सनातनियों ने इनको देवी माना।
लेकिन कुछ हब्शी रावण ने,
मसला है इनको मनमाना।
इन हब्शी रावण को यारों,
आओ मिलकर सब जारो ।
मिल कर के सब खुशी मनाओ।
आज दशहरा आया यारों। .....3
रावण ने माता सीता हर ली।
राम ने जा लंका मारा।
कितनी सीता हरी आज तक,
नहीं किसी ने वो रावण मारा।
आओ हम सब शपथ है खाएं,
सब ऐसे रावण को मारो।
मिल कर के सब खुशी मनाओ।
आज दशहरा आया यारों। ....4
रावण जग में अब कोई नहीं है,
दिल में भरी बुराई रावण है।
जब तक दिल साफ न होगा,
तब तक यह जीवन रण है।
दूर करो सब आज बुराई,
दुर्गुण दिल के अपने सब मारो।
मिल कर के सब खुशी मनाओ।
आज दशहरा आया यारों। .... 5.