Unlock solutions to your love life challenges, from choosing the right partner to navigating deception and loneliness, with the book "Lust Love & Liberation ". Click here to get your copy!
Unlock solutions to your love life challenges, from choosing the right partner to navigating deception and loneliness, with the book "Lust Love & Liberation ". Click here to get your copy!

Vijay Kumar parashar "साखी"

Drama Inspirational

4.5  

Vijay Kumar parashar "साखी"

Drama Inspirational

"पत्नी"

"पत्नी"

1 min
260


लोग यूँ ही भागते, इधर-उधर

लोग क्यों नहीं झांकते, घर

सब घर में होता, एक निर्झर

खास सब पहचाने, स्व दर

मुँह न मारना पड़ेगा, किधर

पहचाने, घर में छिपा, दिलबर

मिल जायेगा, उन्हें जन्नत घर

स्वर्ग ऊपर, नही, यह है, भीतर

जो करे, गृहलक्ष्मी की, कदर

वो ही है, वाकई में सच्चा नर

जो पराई स्त्री पर डाले, नजर

वो नर नही, वो है, एक जानवर

जो अपनी पत्नी पर उठाये, कर

वो पुरुष होता है, बेहद कायर

जिसे नही कोहिनूर की कदर

वो ही मारते पत्नी को पत्थर

जो साथ देते, पत्नी जीवनभर

उसका घर स्वर्ग से है, सुंदर

पत्नी की करना सदा, कदर

जीवन होगा न कभी, जहर

बरसेगा, अमृत, दरिया भर

पत्नी का करे, सही आदर

कभी न होगा, असफल नर

पत्नी को समझे, मित्रवर

जिंदगी जायेगी तेरी, सुधर

पत्नी में समाया, त्याग घर

पत्नी है, एक ऐसा शजर

जो दे, फल पत्थर खाकर

पत्नी सम्मान की भूखी,

उसे न चाहिए, बंगला घर

पत्नी तो है, शक्ति का घर

जो, दिखाये, शक्ति पत्नी पर

वो नर नही, वो है, मच्छर

जो गंदी रखे, विचार नर

वो है, मनु रूपी सुअर

जो पत्नी को, दे, इज्ज़त

वो है, साखी असली नर

जहां होता, नारी का, आदर

बसते है, देवता भी उधर

करे, पत्नी का मान जीभर

लगेगी जीवन में खुशी मुहर

पत्नी अपने घर का है, ईश्वर

वो खुश सच मे खुश है, नर

बाकी सब फिझुल है, इंदर

शची अगर नाखुश है, भीतर

फिर स्वर्ग भी नर्क है, पुरंदर

जो गर पत्नी खुश है, घर पर

फिर सारा स्वर्ग है, तेरे घर पर



Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Drama