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vansh kumar

Abstract Drama

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vansh kumar

Abstract Drama

किशोरावस्था की यात्रा

किशोरावस्था की यात्रा

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इतने पलों बाद 

उन यादों के बारे में 

क्यों सोच रहा हूं मैं ? 

अपने अस्तित्व की स्मृतियों 

को पुन: क्यों खोज रहा हूं मैं?

क्यों कई पलों में 

मेरे ही विचार 

मुझे भयभीत कर जाते है

क्यों मेरे ही विचार 

मुझे डरावनी स्मृतियां दिखाते है 

क्यों मेरी कलम 

उसे कलात्मक रूप में 

उभार लाती हैं 

क्यों मेरी अंतरात्मा

उन विचारों को 

कभी कह नहीं पाती है

शायद किशोरावस्था में 

अपने अस्तित्व को ढूंढने

 बढ़ चला हूं मैं

त्याग कर अपने वर्तमान के भय 

अब भी मस्तिष्क 

में यक्ष प्रश्न कर हुआ मैं

कब समाप्त होंगे 

ये विचार 

और यह भय 

आखिर इतना क्यों सोच रहा हूं मैं ?


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