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vansh kumar

Inspirational

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vansh kumar

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स्वंतन्त्रता की आंधी

स्वंतन्त्रता की आंधी

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इस भारत भूमि को दिलाने आज़ादी

जन्मे यहाँ वीर अनेक

मार्ग अलग थे उन सबके

पर लक्ष्य उन सभी के थे एक

मिले भारत को अपनी स्वतंत्रता और गौरव

वापस

और भारत छोड़े ये अंग्रेज़

कोई चढ़ गया इक्कीस वर्ष पर फांसी

किसी को सहनी पड़ी अंग्रेज़ी लाठी

किसी ने काटी काला पानी की सजा

किसी ने स्वतंत्रता को मान लिया जीवन का

परम लक्ष्य

और छोड़ा जीवन का ऐशो आराम और

मज़ा

किसी ने दिया आत्म बलिदान

कोई चढ़ गया फांसी

मान कर उसे अपना इनाम

आज भी इतिहास इस बात का है गवाह

इन क्रांतिकारियों के कामों

से देश में उठी थी

क्रांति की हवा

1920 का असहयोग आंदोलन

1930 का मार्च ऑफ दांडी

हिला दी जिसने अंग्रेजों की नींव

नाम था उनका महात्मा गांधी

फिर आयी 1940 की वो बात

जब दिखी वो

आज़ाद हिन्द भारत की वो फौज जिसने बनाया दिया हर अंग्रेजों के दिल में

जिन्होंने किया उनका अहंकार विनाश

फिर आया 1947 का वो वर्ष

जब हुआ हमारा भारत आजाद आज भी है हर भारतवासी के दिल में

अमर है इनके नाम

न कोई कभी भूल था

न कोई कभी भूला है इनके नाम


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