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Hritik Raushan

Inspirational

4.5  

Hritik Raushan

Inspirational

खेल

खेल

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है एक अटूट रिश्ता

खेल और दर्शकों के बीच,

मैं,तुम,तुम, मैं की जगह

हम का भाव हममें देता है सींच।


यहां ना कोई ऊंच,ना होता कोई नीच

ना ही देते धर्म और लिंग की लकीरें खींच।

हम तो देतें हैं ऊर्जा,

भरते हैं उत्साह अपनी मुट्ठी भींच

और करते हैं जीत को अपने समीप।


हैं खिलाड़ी और दर्शक

परस्पर सिखाते एक दूसरे को,

"हौसले बुलन्द कर रास्तों पर चल दे

मिल जाएगा तुझे तेरा मुकाम

बढ़कर पहल कर तू अकेला

देख कर

तुझको काफिला बन जाएगा खुद।"


है यह रिश्ता एकता का प्रतीक 

और देता हमें यह सीख- 

"एक साथ आने से होती है शुरुआत हमारी

एक साथ रहना दिखाती है प्रगति हमारी

और एक ही लक्ष्य के लिए साथ

कार्य करना है कामयाबी हमारी।"


यह रिश्ता भरता है घावों को

हटाता है मतभेदों को

और बढ़ाता है सार्वभौमिक मूल्य।


होता है यह रिश्ता 

ठीक उसी तरह जैसे 

है रिश्ता

देशवासी और देश का।


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