Abdul Qadir

Drama

4  

Abdul Qadir

Drama

महबूब

महबूब

1 min
254


या खुदा यार का दीदार करा दे मुझको, 

 बनाना गैर का उनका बना दे मुझको।


 गैर के कदमों में सुकून कहां है या रब?

 उस दहलीज का नौकर बना दे मुझको।

 

दिल परेशान है जान है मेरी हैरत में, 

उनके दीवानों में इक नाम दिला दे मुझको।

 

तेरी कुदरत पे भरोसा है तू करेगा ऐसा, 

उनकी दरो दीवार का कुत्ता बना दे मुझको।


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Drama