भौरें की कली
भौरें की कली
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उनसे नज़रें मिलीं तो करार आ गया,
सुकून दिल को मिला प्यार आ गया।
गुल गुलाबी रहा और तिश्नगी भी रही,
छूना चाहा तो बस बीच ख़ार आ गया।
कली भौरों से मिल के जवान तो हुई,
प्यार के वक्त उनका इक यार आ गया
भौरे और कली का हो सका ना मिलन ,
फूल लेने को इक कुमार आ गया।
