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Abdul Qadir

Others

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Abdul Qadir

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इश्क़ का राज

इश्क़ का राज

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उनके खातिर गई सजाई सो कर खाक नहीं।

 मेरी नजर में अब तक कोई बशर खाक नहीं।

 

वो ना होते कुछ नहीं होता ये सब जानते हैं।

 इसलिए अब तलक दुनिया दहर खाक नहीं।


 इस से सीखा है आशिकी का हुनर इसलिए 

 शायद यही है बात की दीदो तर खाक नहीं।

 

मैं दुनिया के मजे से उस मजे तक हूँ पहुंचा।

 सिखाते हैं ये सजरो हजर अब खाक नहीं।


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