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Abdul Qadir

Drama

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Abdul Qadir

Drama

कुदरत

कुदरत

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वो करें खुश या नाराज बात उसकी है, 

है हर सय पे जो कादिर जात उसकी है। 


वियावां में रिज्क़ दे या बाज़ार में दे, 

हर तवक्ल को दे शिफा तादात उसकी है। 


तू चाहता क्या है ओ सब जानता है, 

हर फन का है आली औकात उसकी है। 


तू अपनी कर ओ सब इन्तज़ाम वाला है, 

तेरी हर हाज़त पर देख हरकात उसकी है। 


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