तुमने दे दी सज़ा पर मुक्त हो गई वह तुम्हारी बिसात से ! तुमने दे दी सज़ा पर मुक्त हो गई वह तुम्हारी बिसात से !
ममता के जादुई स्पर्श से किराए का दर्द बाँट लेती है। ममता के जादुई स्पर्श से किराए का दर्द बाँट लेती है।
फटाफट हाथों को देखा वो थे निर्मल-कोमल, पर सपने की बात आँखों से नहीं हो रही थी ओझल फटाफट हाथों को देखा वो थे निर्मल-कोमल, पर सपने की बात आँखों से नहीं हो रही थी...
न जाने पास होकर भी तुम क्यूँ दूर नज़र आते हो। न जाने पास होकर भी तुम क्यूँ दूर नज़र आते हो।
अगर ऐसे ही बनता होता तो बन गए होते हजारों तो फिर आखिर क्या है जिससे परिभाषित कर सकें इस घर को l अगर ऐसे ही बनता होता तो बन गए होते हजारों तो फिर आखिर क्या है जिससे परिभाषित ...
मंज़िलें जुदा होने से जुदा क्यों हो गए साथी बदल क्यों गए राही रह कर साथ कुछ लम्हें मंज़िलें जुदा होने से जुदा क्यों हो गए साथी बदल क्यों गए राही रह कर साथ कुछ...