ममता के जादुई स्पर्श से किराए का दर्द बाँट लेती है। ममता के जादुई स्पर्श से किराए का दर्द बाँट लेती है।
भवतारिणी मान इस सिंधु को तू यात्रा का आनंद उठा। भवतारिणी मान इस सिंधु को तू यात्रा का आनंद उठा।
न हिलेगी, न गिरेगी अनकहे रिश्तों की मीनार। न हिलेगी, न गिरेगी अनकहे रिश्तों की मीनार।
अत्यन्त सहर्षता के साथ इन जिम्मेवारियों को स्वयं के कंधों पर ढोती "स्त्री"। अत्यन्त सहर्षता के साथ इन जिम्मेवारियों को स्वयं के कंधों पर ढोती "स्त्री"।
मेरे लिये इस सारे संसार से लड़ी तू आज भी मुझे अपने आँचल में है समेटे तूI मेरे लिये इस सारे संसार से लड़ी तू आज भी मुझे अपने आँचल में है समेटे तूI
एक नन्ही सी बच्ची जो वक्त के साथ परिवार की धूरि बन जाती है। एक नन्ही सी बच्ची जो वक्त के साथ परिवार की धूरि बन जाती है।