आपके ख़यालात ये न होने पाए कि बस यहीं ठहर जाएंगे। आपके ख़यालात ये न होने पाए कि बस यहीं ठहर जाएंगे।
पर अन्त में शुद्धता ही मेरा आधार मैं नदी हूँ, मैं कुछ प्रेम सी हूँ ! पर अन्त में शुद्धता ही मेरा आधार मैं नदी हूँ, मैं कुछ प्रेम सी हूँ !
मशाल की तरह जान हथेली पर लेकर देश के खातिर हो जाओ दफन। मशाल की तरह जान हथेली पर लेकर देश के खातिर हो जाओ दफन।
तुम्हे तुम्हारे सपने जिन पर अब कभी प्राकृतिक और अप्राकृतिक हादसों का भी साया ना पड़ ... तुम्हे तुम्हारे सपने जिन पर अब कभी प्राकृतिक और अप्राकृतिक हादसों का...
मेरे लिये इस सारे संसार से लड़ी तू आज भी मुझे अपने आँचल में है समेटे तूI मेरे लिये इस सारे संसार से लड़ी तू आज भी मुझे अपने आँचल में है समेटे तूI
लगा कर दौड़ वक्त के साथ वक्त से फिर हाथ मिलाओ। लगा कर दौड़ वक्त के साथ वक्त से फिर हाथ मिलाओ।