कन्या
कन्या
घर की बेटी ही नहीं लक्ष्मी है कन्या
तभी तो पूजी जाती है
क्योंकि
माता का रूप है कन्या
घर की शोभा,घर की अमानत है कन्या
कमरों को घर बनाती हैं कन्या
संवारती हैं सबकी ज़िंदगियाँ
अपनों के साथ साथ
दूसरों की ख़ुशी में खुश,
दूसरों के दुःख को समझती है कन्या
हर गलती को आसानी से
माफ़ कर देती हैं कन्या
तभी तो रूठे लम्हों को भूल जाती हैं कन्या
सबसे बड़ी दयावान हैं कन्या
तभी तो शादी के वक्त महादान होती हैं कन्या
कहीं अपनों की खुशियों के लिए
अपनी आशा कुर्बान करती हैं कन्या
तो कहीं दुनिया में नाम रोशन करती हैं कन्या
किसी की बेटी किसी की बहन
किसी की पत्नी किसी की बहू किसी की माँ
फिर भी क्यों आज भी बहुत से घरों में
जन्म से पहले ही मार दी जाती हैं कन्या