तू चुनौतियों से लड़ना हमें सिखा गयी गिराते , सँभालते हमें चलना सिखा गयी पंख फैला के फलक को छूना सिख... तू चुनौतियों से लड़ना हमें सिखा गयी गिराते , सँभालते हमें चलना सिखा गयी पंख फैल...
अगर ऐसे ही बनता होता तो बन गए होते हजारों तो फिर आखिर क्या है जिससे परिभाषित कर सकें इस घर को l अगर ऐसे ही बनता होता तो बन गए होते हजारों तो फिर आखिर क्या है जिससे परिभाषित ...
मैं फिर पूछता हूँ क्या कर सकती हो मेरे लिए तुम कहती हो कुछ भी पर बता नहीं सकती मैं चुप हो जाता... मैं फिर पूछता हूँ क्या कर सकती हो मेरे लिए तुम कहती हो कुछ भी पर बता नहीं सकत...
कथा एक सुनाता हूँ महाभारत के महायोद्धा की बात बताता हूँ। कथा एक सुनाता हूँ महाभारत के महायोद्धा की बात बताता हूँ।
आपको मगलसूत्र दिलवाने है ना मां। जीत जाएंगे मांँ अगर आप का साथ हो। आपको मगलसूत्र दिलवाने है ना मां। जीत जाएंगे मांँ अगर आप का साथ हो।
ये जो माँ है ना, साहब ! मेरी तो काशी भी वही है। ये जो माँ है ना, साहब ! मेरी तो काशी भी वही है।